Festival of Light


Diwali- 
In glow resembles beloved's face
Awakened in the embraces of night's grace 
It is oil of love that lights it up
Must it lit with splendor heart's cup
Every night will glitter if we are one
Oh! Friend hear this message with all fun
It reminds that only truth is ultimate winner
Not once but hundred times it does my dear
It comes and disappear the darkness around
Trustworthy it is and love in it all found
One conquers heart with heart not with coins
It searches player of that style who conjoins
No trace of her all crave for moon like countenance
Spell some magic in dark night O! Diwali be kind hence
I sacrifice heart on its lovely gestures
For it reflects the Perfect Beauty's glamour 
Suhail Kakorvi


Doston ko Diwali ki mubarakbaad ke saath ghazal Diwali ke naam,
है अपनी चमक में रूखे दिलदार दिवाली
पहलू में हुई रात के बेदार दिवाली
रोग़न है मोहब्बत का दिए जिससे जले हैं
बस जाये दिलों में ये चमकदार दिवाली
हर रात दिवाली है जो हम एक रहेंगे
पैग़ाम ये देती है मेरे यार दिवाली
ये याद दिलाती है कि बस हक़ है फतह याब
इक बार नहीं हमको ये सौ बार दिवाली
जब आती है ये मिटते हैं नफरत के अँधेरे
है प्यार के क़ाबिल ये वफादार दिवाली
सिक्कों से नहीं दिल से वो दिल जीतने वाला
है ऐसे खिलाड़ी की तलबगार दिवाली
उस चाँद से चेहरे का नहीं होता है दीदा 
कर दे तू अमावस में चमत्कार दिवाली 
दिल अपना सुहैल इसकी दाओं पे फ़िदा है
उस हुस्न के पैकर का है श्रृंगार दिवाली
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सुहैल काकोरवी
रोग़न =तेल ,फतहयाब =जीतने वाला ,हक़=सत्य ,तलबगार =इच्छुक,हुस्न का पैकर =सौंदर्य की प्रतिमा
Festival of Light Rating: 4.5 Diposkan Oleh: importancenews

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